राजस्थान के प्रमुख लोक देवता - गोगाजी चौहान



2. गोगाजी (Gogaji)-

  1. पूरा नाम- गोगाजी चौहान
  2. जन्म स्थान- ददरेवा, चुरू जिला, राजस्थान
  3. पिता- जेवर सिंह
  4. माता- बाछल दे
  5. पत्नी- केलम दे या मेनलदे
  6. जाति- राजपूतगौत्र- चौहान
  7. घोड़ी- नीली धोड़ी
  8. ध्वज- श्वेत
  9. गुरु- गोरखनाथ जी
  10. मंदिर- गोगाजी के मंदिर खेजड़ी वृक्ष के नीचे बनाये जाते हैं। (गाँव-गाँव खेजड़ी, गाँव-गाँव गोगा)

राजस्थान के प्रमुख लोक देवता - गोगाजी चौहान

गोगाजी के अन्य प्रमुख मंदिर-

(I) ददरेवा- चुरू जिला, राजस्थान

(II) गोगामेड़ी- हनुमानगढ़ जिला, राजस्थान

(III) खिलेरियों की ढाणी- सांचौर, जालौर जिला, राजस्थान

गोगाजी के अन्य नाम-

(I) गायों का देवता
(II) सापों का देवता


  1. मेला- भाद्रपद कृष्ण नवमी के दिन गोगामेड़ी स्थित मंदिर में मेला लगता है।
  2. गोगाजी ददरेवा (चुरू) के राजा थे।
  3. अरजन-सरजन ने महमूद गजनवी को बुलाया था।
  4. गोगाजी ने महमूद गजनवी के साथ युद्ध किया तथा गायों की रक्षा की थी।
  5. महमूद गजनवी ने गोगाजी को 'जाहिर पीर' या जाहर पीर कहा था।
  6. जाहर पीर या जाहिर पीर = साक्षात देवता
  7. मुस्लिम धर्म के लोग पाबूजी को जाहर पीर के रूप में पूजते हैं।
  8. गायों की रक्षा के लिए गोगाजी अपने मौसेर भाईयों अरजन व सरजन के खिलाफ युद्ध करते हुये वीरगति का प्राप्त हुए थे।

Note- 

  1. गोगाजी के ददरेवा (चुरू) में स्थित मंदिर को शीर्षमेडी कहते हैं क्योंकि ददरेवा में गोगाजी का सिर कट कर गिरा था।
  2. गोगाजी के गोगामेडी (हनुमानगढ़) में स्थित मंदिर को धूरमेडी कहते हैं क्योंकि गोगामेडी में गोगाजी का धड़ कट कर गिरा था।
  3. गोगामेड़ी में गोगाजी का मंदिर मकबरा शैली में बना हुआ है। अर्थात् गोगामेड़ी में गोगाजी का मंदिर मकबरेनुमा बनाया गया है।
  4. गोगामेड़ी में बने गोगाजी के मंदिर में 'अल्लाह बिस्मिल्लाह' शब्द लिखा हुआ है।
  5. गोगामेड़ी में गोगाजी के मंदिर का निर्माण फिरोज शाह तुगलक ने करवाया था।गोगामेड़ी का वर्तमान स्वरूप गंगासिंह ने तैयार करवाया था।
  6. गोगाजी के मंदिर को मेडी कहा जाता है।
  7. गोगाजी के मंदिर खेजड़ी के वृक्ष के नीचे बनाये जाते हैं।
  8. खिलेरियों की ढाणी (सांचौर, जालौर जिला, राजस्थान) में गोगाजी की ओल्डी बनी हुई है।
  9. खिलेरियों की ढाणी में गोगाजी की ओल्डी का निर्माण राजाराम कुम्हार ने करवाया था।
  10. किसान गोगाजी के मेले में से गोगाराखी लेकर जाते हैं तथा किसान गोगाराखी को अपने हल व हाली के बांधते है।
  11. गोगाजी का प्रमुख वाद्य यंत्र डेरू है।गोगाजी को "सर्प रक्षक देवता" के रूप में पूजा जाता है।
  12. बीठू मेहाजी (कवि मेह) ने गोगाजी पर 'गोगाजी रा रसावला' नामक पुस्तक लिखी है।







निम्नलिखित 5 लोक देवताओं को पंच पीर कहते हैं।-

1. रामदेव जी (Ramdev Ji)
2. गोगाजी (Gogaji)
3. पाबूजी (PabuJi)
4. मेहाजी मांगलिया (Mehaji Mangalia)
5. हडबू जी सांखला (Hadbu Ji Sankhala)


उपर्युक्त 5 लोक देवताओं को हिन्दू तथा मूस्लिम दोनों धर्मों के लोग पूजते हैं या मानते हैं।