राजस्थान के प्रमुख लोक देवता -तेजाजी (Tejaji)




तेजाजी (Tejaji)-

जन्म स्थान- खरनाल गाँव (नागौर जिला, राजस्थान)

तेजाजी का जन्म एक जाट परिवार में हुआ था।

पिता- ताहड़ जी

माता- रामकुँवरी

पत्नी- पेमलदे (पनेर, अजमेर)

जाति- जाट

गौत्र- धौलिया या धोल्या

कर्मस्थली- बांसी दुगारी, बूंदी

बहन- बुंगरी माता

घोड़ी- लीलण या सिणगारी



तेजाजी के अन्य नाम-

(I) गायों का देवता

(II) सापों का देवता

(III) कृषि का उपकारक देवता (काला-बाला का देवता)

(IV) नाडू रोग का देवता

तेजाजी के पुजारी (भोपा) को घोड़ला कहा जाता है।

मेला- परबतसर (नागौर), भाद्रपद शुक्ल दशमीमुख्य 

मंदिर- परबतसर (नागौर जिला, राजस्थान)

परबतरसर (नागौर) स्थित तेजाजी का मंदिर जोधपुर के महाराजा अभयसिंह के शासन काल में बनवाया गया था।


तेजाजी के अन्य मंदिर-

(I) सैंदरिया (अजमेर जिला, राजस्थान)

(II) भांवता (अजमेर जिला, राजस्थान)

(III) पनेर (अजमेर जिला, राजस्थान)

(IV) बासी दुगारी (बूंदी जिला, राजस्थान)

(V) सुरसुरा (अजमेर जिला, राजस्थान)

(VI) खरनाल (नागौर जिला, राजस्थान)


  1. तेजाजी को "सर्प रक्षक देवता" के रूप में पूजा जाता है।
  2. तेजाजी अपनी पत्नी को लाने अपने ससुराल पनेर (अजमेर) जा रहे थे तब अजमेर के सुरसुरा नामक गाँव में मेर जाति के आक्रमणकारियों से लाछा नामक गुर्जर महिला की गायों को बचाते हुए घायल हुए थे।
  3. तेजाजी को सैदरिया नामक स्थान पर एक साँप ने काट लिया था
  4. साँप के काटने पर तेजाजी की मृत्यु अजमेर के सुरसुरा गाँव में हुई थी।
  5. तेजाजी की मृत्यु का समाचार तेजाजी की घोड़ी लीलण ने दिया था।
  6. तेजाजी की मृत्यु पर उसके साथ तेजाजी की पत्नी भी सत्ती हुई थी।
  7. तेजाजी को काला-बाला का देवता भी कहा जाता है।
  8. कालाबाला एक बीमारी का नाम है।
  9. खेत में हल चलाते समय किसान तेजाजी के गीत गाते हैं जिन्हें तेजा टेर या तेजा गीत भी कहते हैं।
  10. 2010-11 में तेजाजी पर राजस्थान सरकार ने डाक टिकट जारी किया था।तेजाजी की घोड़ी लीलण के नाम पर राजस्थान में एक रेलगाड़ी भी चलती है।


तेजाजी पर निम्नलिखित पुस्तकें लिखी गई है।-

(I) जुंझार तेजा (लेखक- लज्जाराम मेहता)
(II) तेजाजी रा ब्यावला (लेखक- वंशीधर शर्मा)

राजल बाई (Rajal Bai)-

राजल बाई तेजाजी की बहन थी।
राजल बाई का मंदिर खरनाल (नागौर जिला, राजस्थान) में स्थित है।
राजल बाई को बूंगरी माता भी कहा जाता है। अर्थात् बूंगरी माता का मंदिर खरनाल (नागौर) में स्थित है।







निम्नलिखित 5 लोक देवताओं को पंच पीर कहते हैं।-

1. रामदेव जी (Ramdev Ji)
2. गोगाजी (Gogaji)
3. पाबूजी (PabuJi)
4. मेहाजी मांगलिया (Mehaji Mangalia)
5. हडबू जी सांखला (Hadbu Ji Sankhala)


उपर्युक्त 5 लोक देवताओं को हिन्दू तथा मूस्लिम दोनों धर्मों के लोग पूजते हैं या मानते हैं।