राजस्थान के प्रमुख लोक देवता -देवनारायण जी (Devnarayan Ji)



देवनारायण जी (Devnarayan Ji)-

जन्म स्थान- आसीन्द, भीलवाड़ा जिला, राजस्थान

देवनारायण जी का जन्म बगडावत (गुर्जर) परिवार में हुआ था।

बचपन का नाम- उदयसिंह

जाति- गुर्जर

गौत्र- बगड़ावत

घोड़ा- लीलागर

पिता- सवाई भोज

माता- सेढू या सेद खटानी

पत्नी- पीपलदे

पीपलदे धार के राजा जयसिंह परमार की पुत्री थी।

मेला- देवनारायण जी का मेला भाद्रपद शुक्ल सप्तमी के दिन लगता है।

अवतार- देवनारायण जी को भगवान विष्णु भगवान का अवतार माना जाता है।

अन्य नाम- औषधि का देवता


देवनारायण जी के मंदिर में नीम के वृक्ष के पत्ते चढ़ाये जाते हैं। 

इसीलिए गुर्जर जाति के लोग नीम के पेड़ की लकड़ियों को नहीं जलाते हैं।

देवनारायण जी के मंदिर में मूर्ति नहीं होती है।

देवनारायण जी के मंदिर में ईंट की पूजा की जाती है।

देवनारायण जी की फड राजस्थान में सबसे लम्बी फड है।

गुर्जर भोपो के द्वारा देवनारायण जी की फड को जन्तर वाद्य यंत्र के साथ गाया जाता या बाँची जाती है।

देवनारायण जी की फड राजस्थान में सबसे लम्बी फड़ है।

देवनारायण जी की फड़ पर सन् 1992 में 5 रुपये का डाक टिकट जारी हो चुका है।

सन् 2010-11 में देवनारायण जी पर भी डाक टिकट जारी हो चुका है


देवनारायण जी के मंदिर-

(I) आसीन्द (भीलवाड़ा जिला, राजस्थान)

(II) देवमाली- ब्यावर (अजमेर जिला, राजस्थान)

(III) देवधाम- जोधपुरिया (टोंक जिला, राजस्थान)  

जोधपुरिया- टोंक

जोधपुरा- जयपुर 

जोधपुर- जोधपुर

(IV) देवडूंगरी-  (चित्तौड़गढ़ जिला, राजस्थान)


  1. देवडूंगरी में स्थित देवनारायण जी के मंदिर का निर्माण राणा सांगा के द्वारा करवाया गया था।
  2. देवनारायण जी का बचपन देवास (मध्य प्रदेश) में बीता है।
  3. देवनारायण जी को राज्य क्रांति का जनक कहते हैं।
  4. देवनारायण जी गुर्जर जाति के आराध्य देव है।
  5. गुर्जर जाति के लोग देवनारायण जी की झुठी कसम नहीं खाते हैं।
  6. देवनारायण जी के मंदिर में छाछ-राबड़ी चढ़ाई जाती है इसीलिए भाद्रपद शुक्ल छठ को गुर्जर जाति के लोग दूध का व्यापार नहीं करते हैं।
  7. देवनारायण जी ने भिनाय (अजमेर) के राजा को मारकर अपने पिता सवाई भोज की हत्या का बदला लिया था।

देवनारायण जी से संबंधित पुस्तक-

(I) बगडावत (लेखक- लक्ष्मी कुमारी चूंडावत)





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निम्नलिखित 5 लोक देवताओं को पंच पीर कहते हैं।-

1. रामदेव जी (Ramdev Ji)
2. गोगाजी (Gogaji)
3. पाबूजी (PabuJi)
4. मेहाजी मांगलिया (Mehaji Mangalia)
5. हडबू जी सांखला (Hadbu Ji Sankhala)


उपर्युक्त 5 लोक देवताओं को हिन्दू तथा मूस्लिम दोनों धर्मों के लोग पूजते हैं या मानते हैं।