राजस्थान के प्रमुख लोक देवता -मल्लीनाथ जी (Mallinath Ji)
पत्नी- रूपादे
गुरु- उगम सिंह भाटी या उगमासी भाटी
मुख्य मंदिर- तिलवाड़ा (बाड़मेर, राजस्थान)
मल्लीनाथ जी मारवाड़ के राठौड़ राजा थे।
मेला- मल्लीनाथ जी का मेला चैत्र कृष्णा एकादशी से चैत्र शुक्ल एकादशी तक (15 दिन) तिलवाड़ा (बाड़मेर) में लगता है।
मल्लीनाथ जी के मेले में मालाणी नस्ल के पशु का क्रय-विक्रय किया जाता है।
मल्लीनाथ जी का मेला राजस्थान का सबसे प्राचीन पशु मेला माना जाता है।
मल्लीनाथ जी के पशु मेले की शुरुआत मोटाराजा उदयसिंह के शासन काल में हुई थी।
मल्लीनाथ जी के रानी रूपादे एक लोक देवी है।
मल्लीनाथ जी की पत्नी रूपादे को बरसात की देवी कहा जाता है।
रूपादे का मंदिर नाकोड़ा (बाड़मेर) में स्थित है।
मल्लीनाथ जी मारवाड के राठौड़ राजा थे।
मल्लीनाथ जी ने दिल्ली के सुल्तान फिरोज शाह तुगलक के मालवा के गवर्नर निजामुद्दीन को पराजित किया था।
मल्लीनाथ जी की रानी रूपादे लोक देवी है।
लोक देवी रूपादे का मंदिर मालाजल (बाड़मेर जिला, राजस्थान) में है।
मल्लीनाथ जी भविष्य वक्ता थे। अर्थात् मल्लीनाथ जी चमत्कारी और भविष्यदृष्टा व्यक्ति थे।
मल्लीनाथ जी तथा इनकी पत्नी रूपादे ने मिलकर समाज में छुआछूत एवं भेदभाव को मिटाने का प्रयास किया था।
मल्लीनाथ जी में 1399 ई. में मारवाड़ में हरि कीर्तन का आयोजन करवाया था।
मल्लीनाथ जी के नाम पर ही मालानी क्षेत्र का नाम पड़ा था।
मल्लीनाथ जी ने कुडा पंथ की स्थापना की थी।
निम्नलिखित 5 लोक देवताओं को पंच पीर कहते हैं।-
1. रामदेव जी (Ramdev Ji)
2. गोगाजी (Gogaji)
3. पाबूजी (PabuJi)
4. मेहाजी मांगलिया (Mehaji Mangalia)
5. हडबू जी सांखला (Hadbu Ji Sankhala)
उपर्युक्त 5 लोक देवताओं को हिन्दू तथा मूस्लिम दोनों धर्मों के लोग पूजते हैं या मानते हैं।
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