राजस्थान के प्रमुख लोक देवता - तल्लीनाथ जी





1. तल्लीनाथ जी (Tallinath Ji)-

वास्तविक नाम- गोगादेव राठौड़ या गोगदेव राठौड़

गुरु- जलंधर नाथ या जालन्धर नाथ

तपोभूमि- सिरे मंदिर, जालौर

तल्लीनाथ जी को ओरण का देवता कहा जाता है।

मुख्य मंदिर- पांचोटा या पांचौट पहाड़ी (जालौर जिला, राजस्थान)

ओरण- मंदिर के आस-पास छोड़ी गई जमीन जहाँ से पेड़ पौधे नहीं काट सकते।

तल्लीनाथ जी मारवाड़ के राव चूंडा के छोटे भाई थे।

तल्लीनाथ जी शेरगढ़ के सामंत (ठिकानेदार) थे।

शेरगढ़ राजस्थान के जोधपुर जिले में स्थित है।

तल्लीनाथ जी प्रकृति प्रेमी देवता थे।

तल्लीनाथ जी के यहाँ आज भी हरे पेड़ नहीं काटे जाते हैं।

विषेला कीड़ा काटने पर तल्लीनाथ जी के थान (मंदिर) पर लेकर जाते हैं।

तल्लीनाथ जी ने जोईयो से अपने पिता वीरमदेव की हत्या का बदला लिया था।

तल्लीनाथ जी से संबंधित पुस्तक-
(I) वीरमायण (लेखक- बादर ढ़ाढ़ी)




2. बिग्गा जी या वीर बग्गाजी (Bigga Ji)-

मुख्य मंदिर- रीड़ी, बीकानेर 

जिला, राजस्थानबिग्गा जी गायों की रक्षा करते हुए वीरगति को प्राप्त हुए थे।

बिग्गा जी जाखड़ समाज के कुल देवता है।



3.हरिराम जी (Hariram Ji)-


मुख्य मंदिर- झोरडा गाँव, नागौर जिला, राजस्थान
मेला- हरिराम जी का मेला भाद्रपद शुक्ल पंचमी (ऋषी पंचमी) के दिन लगता है।
हरिमार जी की पूजा सर्प रक्षक देवता के रूप में की जाती है।
हरिराम जी के मंदिर में सांप की बांबी की पूजा की जाती है।
सांप की बांबी = सांप का बिल


4.केसरिया कुंवर जी (Kesariya Kunwar Ji)-

केसरिया कुंवर जी गोगाजी के पुत्र थे।

अन्य नाम- सांपों का देवता

घोड़ी- नीली घोड़ी

ध्वजा- सफेद

केसरिया कुंवरजी का थान खेजड़ी वृक्ष के नीचे मिलता है।

केसरिया कुंवर जी को भी सर्प रक्षक देवता के रूप में पूजा जाता है।


5. झरड़ा जी (Jharda Ji)-

झरडा जी पाबूजी के भतीजे थे।

जींदराव खींची को मारकर झरडा जी ने अपने पिता व चाचा की हत्या का बदला लिया था।

जींदराव खींची जायल (नागौर) का राजा था।

झरड़ा जी के मंदिर-

(I) कोलूमंड (जोधपुर जिला, राजस्थान)

(II) सिंभूदडा (बीकानेर जिला, राजस्थान)

झरड़ा जी के अन्य नाम-

(I) रूपनाथ

(II) बालकनाथ (हिमाचल प्रदेश में कहा जाता है।)

हिमाचल प्रदेश में झरडा जी को बालकनाथ के रूप में पूजा जाता है।


6.जुंझार जी (Junjhar Ji)-

जन्म स्थान- इमलोहा, सीकर जिला, राजस्थान

मंदिर- स्यालोदडा गाँव, सीकर जिला, राजस्थान

जुन्झार जी सीकर जिले के स्यालोदड़ा गाँव में गायों की रक्षा करते हुए मारे गये थे।

जुंझार जी के मंदिर में दुल्हा-दुल्हन (जुंझार जी तथा उनकी पत्नी) तथा जुन्झार जी के 3 भाईयों की मूर्तियाँ बनी हुई है।जुन्झार जी (झुंझार जी) की मूर्ति दुल्हे के वेश में लगी हुई है।

मेला- रामनवमी के दिन सीकर जिले के स्यालोदड़ा गाँव में जुन्झार जी का मेला लगता है।


7.मामादेव (Mamadev)-

  • मामादेव बरसात के देवता है।
  • मामादेव का कोई मंदिर नहीं होता है।
  • मामादेव का थान दक्षिण राजस्थान में मिलता है।
  • गाँव के बाहर मामादेव के तोरण की पूजा की जाती है।
  • मामादेव का तोरण लकड़ी का बना होता है।
  • मामादेव का खुश करने के लिए भैंसे की बलि दी जाती है।

8.आलम जी (Alam Ji)-

  • मुख्य मंदिर- धोरीमन्ना, बाड़मेर जिला, राजस्थान
  • धोरीमन्ना को आलम जी का धौर भी कहा जाता है।
  • आलम जी को अश्व रक्षक देवता भी कहा जाता है।
  • आलम जी को गोरक्षक देवता भी कहा जाता है।
  • आलम जी राठौड़ो की जैतमालोत शाखा से संंबंधित थे।
  • मेला- आलम जी का मेला भाद्रपद शुक्ल द्वितीया (बाबे री बीज) के दिन लगता है।



9.खेतला जी (Khetla Ji)-

मुख्य मंदिर- सोनाणा, पाली जिला, राजस्थान

मेला- खेतला जी का मेला चैत्र शुक्ल एकम् को लगता है।

खेतला जी के सोनाणा मंदिर में हकलाने वाले बच्चों का इलाज किया जाता है।

10.डूंगजी-जवाहर जी (Doong Ji-Jawahar Ji)-


डूंगजी-जवाहर जी चाचा भतीजा थे।

डूंगजी बाठोठ गाँव (सीकर) के सामंत थे।

जवाहर जी पाटोदा गाँव (सीकर) के सामंत थे।

कालांतर में डूंगजी-जवाहर जी डाकू बन गये थे।

डूंगजी-जवाहर जी अमीरों को लूट कर उनका धन गरीबों में बाँट दिया करते थे।


डूंगजी-जवाहर जी के प्रमुख सहयोगी-(
I) लोहट जी जाट या लोठूजी निठारवाल
(II) करणा जी मीणा
(III) बालू जी नाई
(IV) सांखू जी लोहार



डूंगजी-जवाहर जी ने अंग्रेजों की आगरा जेल तथा नसीराबाद छावनी को लूट लिया था।
डूंगजी-जवाहर जी 1857 की क्रांति के समय थे।
डूंगजी-जवाहर जी ने जोधपुर व बीकानेर की सेना से युद्ध किया था।
जोधपुर के महाराजा तख्त सिंह ने डूंगजी को गिरफ्तार किया तथा मेहरानगढ़ किले में रखा।
मेहरानगढ़ किला राजस्थान के जोधपुर जिले में स्थित है।
बीकानेर के महाराजा रतन सिंह ने जावहर जी को गिरफ्तार किया तथा जूनागढ़ किले में रखा।
जूनागढ़ किला राजस्थान के बीकानेर जिले में स्थित है।

11,वीर फत्ता जी (Veer Fatta Ji)-



मुख्य मंदिर- सांथू, जालौर जिला, राजस्थान
मेला- वीर भत्ता जी का मेला भाद्रपद शुक्ल नवमी के दिन लगता है।

वीर फत्ता जी गायों की रक्षा के लिए लड़ते हुए वीरगति को प्राप्त हुए थे।



12.देव बाबा (Dev Baba)-

मुख्य मंदिर- नंगला जहाज. भरतपुर जिला, राजस्थान

सवारी- भैंसा या पाडा

मेले-(I) भाद्रपद शुक्ल पंचमी (ऋषि पंचमी)

(II) चैत्र शुक्ल पचंमीदेव बाबा का मेला वर्ष में दो बार लगता है।

देव बाबा पशु चिकित्सक थे।

देव बाबा को खुश करने के लिए 7 ग्वालों को भोजन करवाना पड़ता है।



13. कल्ला जी राठौड़ (Kallaji Rathore)-

जन्म स्थान- साभियाना गाँव, मेड़ता सिटी, नागौर
पिता- अचलसिंह
माता- श्वेत कँवर

पत्नी- कृष्णा कँवर

जाति- राजपूत

गोत्र- राठौड़

अवतार- शेषनाग का

कल्ला जी राठौड़ का संबंध मेवाड़ के तीसरे साके से है।

अन्य नाम-

(I) चार हाथों वाला लोकदेवता

(II) दो सिर वाला लोकदेवता

(III) मेवाड़ मणी भुषणकल्ला जी की छत्तरी भैरवपोल (चित्तौड़गढ़) में स्थित है।

मंदिर-

(I) सामलिया, डूंगरपुर

(II) नरेला, चित्तौड़गढ़

कल्ला जी के मंदिर में अफीम और केसर का प्रसाद चढ़ाया जाता है।



14. खेतरपाल जी या क्षेत्रपला जी (Khetarpal Ji)-

खेतरपाल जी को सीमा सुरक्षा का देवता कहा जाता है।


शादी के अवसर पर काकन-डोरा खेतरपाल जी के नाम के बाँधे जाते हैं।

15. भूरिया बाबा (Bhuriya Baba)-

मंदिर- प्रतापगढ़, पाली तथा सिरोही

भुरिया बाबा मीणा जाति के आराध्य देव है।

मीणा जाति के लोग भुरिया बाबा की झुठी कसम नहीं खाते हैं।

भुरिया बाबा को शोर्य का प्रतिक माना जाता है।


16.भोमिया बाबा (Bhomia Baba)-

अन्य नाम- भूमि रक्षक देवता

17. हरिमन बाबा (Hariman Baba)-

मंदिर- छोकरवाड़ा, भरतपुर


हरिमन बाबा के मंदिर में सर्पदंश का इलाज होता है।

18.ओम बन्ना जी (Om Banna Ji)-

मंदिर- पाली जिला, राजस्थान

अन्य नाम-

(I) बुलट वाले देवता

(II) यातायात रक्षा का देवता


19.दशरथ मेघवाल जी (Dashrath Meghwal Ji)-

मंदिर- देशनोक, बीकानेर


दशरथ मेघवाल जी करणी माता के शिष्य थे।



20.फत्ता जी (Fatta Ji)-

जन्म- सांथु गाँव, जालौर जिला, राजस्थान

मंदिर- सांथु गाँव, जालौर जिला, राजस्थान

अन्य नाम- गौरक्षक देवता


21.पनराज जी (Panraj Ji)-

जन्म- नया गाँव, पनराजसर, जैसलमेर जिला, राजस्थान


मंदिर- नया गाँव, पनराजसर, जैसलमेर जिला, राजस्थान

अन्य नाम- गौरक्षक देवता

22.पित्तर जी (Pattar Ji)-

पित्तर जी का प्रसाद अमावस्या को चढ़ता है।


23.. ईलोजी (Elogy)-

मंदिर- मारवाड़

अन्य नाम-

(I) छेड़छाड़ का देवता

(II) नवदम्पत्ति का देवता

धुलंडी के दिन जालौर, बाड़मेर में ईलोजी की सवारी निकाली जाती है





👉राजस्थान के प्रमुख लोक देवता -देवनारायण जी (Devnarayan Ji)

👉राजस्थान के प्रमुख लोक देवता -मल्लीनाथ जी (Mallinath Ji)



निम्नलिखित 5 लोक देवताओं को पंच पीर कहते हैं।-

1. रामदेव जी (Ramdev Ji)
2. गोगाजी (Gogaji)
3. पाबूजी (PabuJi)
4. मेहाजी मांगलिया (Mehaji Mangalia)
5. हडबू जी सांखला (Hadbu Ji Sankhala)


उपर्युक्त 5 लोक देवताओं को हिन्दू तथा मूस्लिम दोनों धर्मों के लोग पूजते हैं या मानते हैं।